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shamshad begum – kabhi aar kabhi paar كلمات اغاني

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कभी आर, कभी पार लागा तीर_ए_नज़र
कभी आर, कभी पार लागा तीर_ए_नज़र
सैयाँ, घायल किया रे तूने मोरा जिगर

कभी आर, कभी पार लागा तीर_ए_नज़र
कभी आर, कभी पार लागा तीर_ए_नज़र
सैयाँ, घायल किया रे तूने मोरा जिगर

कितना सँभाला बैरी दो नैनों में खो गया
कितना सँभाला बैरी दो नैनों में खो गया
देखती रह गई मैं तो जिया तेरा हो गया
देखती रह गई मैं तो जिया तेरा हो गया

दर्द मिला ये जीवन भर का
मारा ऐसा तीर नज़र का
दर्द मिला ये जीवन भर का
मारा ऐसा तीर नज़र का

लूटा चैन_ओ_क़रार
कभी आर, कभी पार लागा तीर_ए_नज़र
कभी आर, कभी पार लागा तीर_ए_नज़र
सैयाँ, घायल किया रे तूने मोरा जिगर

पहले मिलन में ये तो दुनिया की रीत है
पहले मिलन में ये तो दुनिया की रीत है
बात में गुस्सा, लेकिन दिल ही दिल में प्रीत है
बात में गुस्सा, लेकिन दिल ही दिल में प्रीत है
मन ही मन में लड्डू फूटे
नैनों से फुलझड़ियाँ छूटे
मन ही मन में लड्डू फूटे
नैनों से फुलझड़ियाँ छूटे

होंठों पर तक़रार
कभी आर, कभी पार लागा तीर_ए_नज़र
कभी आर, कभी पार लागा तीर_ए_नज़र
सैयाँ, घायल किया रे तूने मोरा जिगर

كلمات أغنية عشوائية

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