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raghav chaitanya – ek tukda dhoop كلمات اغاني

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टूट के हम दोनों में जो बचा वो कम सा है
एक टुकड़ा धूप का अंदर_अंदर नम सा है
एक धागे में हैं उलझे यूँ कि बुनते_बुनते खुल गए
हम थे लिखे दीवार पे, बारिश हुई और धुल गए

टूट के हम दोनों में जो बचा वो कम सा है
एक टुकड़ा धूप का अंदर_अंदर नम सा है

टूटे_फूटे ख़ाबों की हाय, दुनिया में रहना क्या?
झूठे_मूठे वादों की हाय, लहरों में बहना क्या?

हो, दिल ने दिल में ठाना है
ख़ुद को फिर से पाना है
दिल के ही साथ में जाना है

टूट के हम दोनों में जो बचा वो कम सा है
एक टुकड़ा धूप का अंदर_अंदर नम सा है

सोचो ज़रा क्या थे हम हाय, क्या से क्या हो गए
हिज्र वाली रातों कि हाय, क़ब्रों में सो गए

हो, तुम हमारे जितने थे
सच कहो क्या उतने थे
जाने दो, मत कहो कितने थे

रास्ता हम दोनों में जो बचा वो कम सा है
एक टुकड़ा धूप का अंदर_अंदर नम सा है
टूट के हम दोनों में जो बचा वो कम सा है
एक टुकड़ा धूप का अंदर_अंदर नम सा है

كلمات أغنية عشوائية

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