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iqlipse nova – mera safar كلمات اغاني

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[verse 1]
मैं चला अकेले
रास्‍तों पे ऐसे जैसे
मेरे पीछे कोई भी ना
बढ़ता मैं गया ऐसे जैसे
मुझे कोई भी ना रोक सका
वो ढूढ़ रहे देखो मंजिल
मैने माना रास्‍तों को अपना जहां
कभी कोई नोच_खरोच के भागे
कभी कोई पूछे क्‍या तेरा पता

[chorus]
मेरा जो सफर है
वही मेरा घर है
मुझको ना दुनिया की है परवाह
मैं हूं वो मुसफिर
चलता रहे जो
चाहे रोके_टोके मुझे कोई भी यहां
मेरे जो है सपने
वही मेरे अपने
मुझको ना दुनिया की है परवाह
मैं हूं वो मुसफिर
चलता रहे जो
चाहे रोके_टोके मुझे कोई भी यहां

[verse 2]
लोगो ने बोला इन रास्‍तों पे जाना नहीं
ख्‍वाबों के पीछे जा के कुछ भी है पाना नही
देखो जमाना, मैं पुराना हूं मुसाफिर
जिंदगी ऐसे कैसे कल का ठिकाना नहीं
पाया है जब से खुद को
पानी सा मैं बहना चाहूं
डरता ना लहरों से मैं
बादलों में रहना चाहूं
छू लू मैं आसमान
सितारो से ये कहना चाहूं….
तुझको ये है न पता
[chorus]
मेरा जो सफर है
वही मेरा घर है
मुझको ना दुनिया की है परवाह
मैं हूं वो मुसफिर
चलता रहे जो
चाहे रोके_टोके मुझे कोई भी यहां
मेरे जो है सपने
वही मेरे अपने
मुझको ना दुनिया की है परवाह
मैं हूं वो मुसफिर
चलता रहे जो
चाहे रोके_टोके
मुझे कोई भी यहां

[verse 3]
यूं तो मेरी भी सुबह
होती थी किसी खास के साथ
यूं तो मेरे भी हाथ में
होता था किसी का हाथ
तूफानो सा एक आया था
टूटा मैं घबराया था
अपनों को छीना ऐसे
मै कुछ ना कर पाया था
दिल की जुबां, दिल की जुबां
कह ना सका, कह ना सका
आती अभी ख्‍वाबो में भी
मेरी वफा
[chorus]
मेरा जो सफर है
वही मेरा घर है
मुझको ना दुनिया की है परवाह
मैं हूं वो मुसफिर
चलता रहे जो
चाहे रोके_टोके मुझे कोई भी यहां
मेरे जो है सपने
वही मेरे अपने
मुझको ना दुनिया की है परवाह
मैं हूं वो मुसफिर
चलता रहे जो
चाहे रोके_टोके
मुझे कोई भी यहां

मेरा जो सफर है
वही मेरा घर है
मुझको ना दुनिया की है परवाह
मैं हूं वो मुसफिर
चलता रहे जो
चाहे रोके_टोके मुझे कोई भी यहां
मेरे जो है सपने
वही मेरे अपने
मुझको ना दुनिया की है परवाह
मैं हूं वो मुसफिर
चलता रहे जो
चाहे रोके_टोके
मुझे कोई भी यहां
[outro]
मेरा सफर…
ओ…

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