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vishal bhardwaj, armaan malik & gulzar - chal musafir كلمات أغنية

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[armaan malik “chal musafir” के बोल]

[verse 1]
ये अँके_बाँके रास्तों पे रंग उड़ाता चल सुभो के
दिल चुराता, दिल लुटाता चल
ये अँके_बाँके रास्तों पे रंग उड़ाता चल सुभो के
दिल चुराता, दिल लुटाता चल
बिन रुके ही, बिन थके ही चलते रहना है तुझे
हँसी के बुलबुले उड़ाता चल

[chorus]
चल मुसाफ़िर, ओ मुसाफ़िर
चल मुसाफ़िर, चल, चल (चल, चल)
चल मुसाफ़िर, ओ मुसाफ़िर
चल मुसाफ़िर, चल, चल, चल, चल, चल दे

[instrumental break]

[verse 2]
शहर_शहर ठहर कर, सुबह से दोपहर कर
रातों से गुज़रता चल, ओ, चल
सूरजों के संग_संग चढ़ती चाँद की पतंग
पकड़ ले और तरता चल, ओ, चल
सुन_सुन, अगले दिन की धुन गुनगुनाता चल, चल, चल

[chorus]
चल मुसाफ़िर, ओ मुसाफ़िर
चल मुसाफ़िर, चल, चल (चल, चल)
चल मुसाफ़िर, ओ मुसाफ़िर
चल मुसाफ़िर, चल, चल, चल, चल, चल दे
[bridge]
मंज़िलों पे रख यकीं, मिल ही जाएगी कहीं
पुकारता, बुलाता चल
पैरों से फ़ासलों को धूल में उड़ाता चल
चल मुसाफ़िर, ओ मुसाफ़िर
चल, चल

[chorus]
चल मुसाफ़िर, ओ मुसाफ़िर
चल मुसाफ़िर, चल, चल (चल, चल)
चल मुसाफ़िर, ओ मुसाफ़िर
चल मुसाफ़िर, चल, चल, चल, चल, चल दे

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