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uma devi - afsana likh rahi hoon كلمات أغنية

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अफ़साना लिख रही हूँ…
अफ़साना लिख रही हूँ दिल_ए_बेकरार का
आँखों में रंग भर के तेरे इंतज़ार का

अफ़साना लिख रही हूँ…

जब तू नहीं तो कुछ भी नहीं हैं बहार में
नहीं हैं बहार में
जब तू नहीं तो कुछ भी नहीं हैं बहार में
नहीं हैं बहार में

जी चाहता हैं मुँह भी…
जी चाहता हैं मुँह भी ना देखूँ बहार का
आँखों में रंग भर के तेरे इंतज़ार का
अफ़साना लिख रही हूँ…

हासिल हैं यूँ तो मुझको ज़माने की दौलते
ज़माने की दौलते
हासिल हैं यूँ तो मुझको ज़माने की दौलते
ज़माने की दौलते

लेकिन नसीब लायी…
लेकिन नसीब लायी हूँ एक सोगवार का
आँखों में रंग भर के तेरे इंतज़ार का
अफ़साना लिख रही हूँ…

आजा, के अब तो आँख में आँसू भी आ गए
आँसू भी आ गए
आजा, के अब तो आँख में आँसू भी आ गए
आँसू भी आ गए

सागर छलक उठा…
सागर छलक उठा मेरे सबर_ओ_क़रार का
आँखों में रंग भर के तेरे इंतज़ार का

अफ़साना लिख रही हूँ…
अफ़साना लिख रही हूँ दिल_ए_बेकरार का
आँखों में रंग भर के तेरे इंतज़ार का

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