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shekhar ravjiani - meherbaan (unplugged) كلمات الأغنية

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दिल की माँगें थोड़ी थी कम
हर दुआ भी थोड़ी मद्धम
तूने काँधे पे सर झुकाया जब
जैसे दरगाह पे बाँधे धागे तब
हो, बिना माँगे ही मिल गया है सब

मेहरबाँ हुआ_हुआ, मेहरबाँ हुआ_हुआ
मेहरबाँ हुआ, मेहरबाँ हुआ रब
मेहरबाँ हुआ, मेहरबाँ हुआ रब

हो, फ़ुरसतों में यूँ अचानक
कैसे, क्यूँ और ये हुआ कब?

मेहरबाँ हुआ_हुआ, मेहरबाँ हुआ_हुआ
मेहरबाँ हुआ, मेहरबाँ हुआ रब
मेहरबाँ हुआ, मेहरबाँ हुआ रब

मेहरबाँ_मेहरबाँ, हुआ रब
मेहरबाँ_मेहरबाँ, हुआ रब
मेहरबाँ_मेहरबाँ, मेहरबाँ हुआ रब

मेहरबाँ_मेहरबाँ, मेहरबाँ_मेहरबाँ
मेहरबाँ_मेहरबाँ, मेहरबाँ हुआ रब

हाथों को तेरे अपने हाथों में ले लेता हूँ
कि तक़दीरें अपनी सारी पढ़ लूँ
आँखों में तेरे छुपते अरमाँ मैं ढूँढता हूँ
बस तू सोचे और पूरे मैं कर दूँ
अभी_अभी तो हम अधूरे थे
पूरे हो गए तेरे रू_ब_रू
ये भी दिखे ना
कहाँ मैं ख़तम, कहाँ तू शुरू

आँखें तेरी गिरती हैं जब
अब तो नींदें आती हैं तब

हमको लगता है कुछ दिनों से अब
ओ, तू इबादत है, तू ही है मज़हब
ओ, बेवजह, कैसे? क्यूँ? कहाँ? और कब?

मेहरबाँ हुआ_हुआ, मेहरबाँ हुआ_हुआ
मेहरबाँ हुआ, मेहरबाँ हुआ रब
मेहरबाँ हुआ, मेहरबाँ हुआ रब, मेहरबाँ_मेहरबाँ

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