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satinder sartaaj - shagufta dili كلمات الأغنية

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शगुफ़्ता दिली तुम ही से मिली
अजब क़ैफ़ियत है निगाह में (निगाह में)
शगुफ़्ता दिली तुम ही से मिली

अजब क़ैफ़ियत है निगाह में (निगाह में)

ये मोहब्बतें, जुनूँ_लज़्ज़तें, खुमारी है तेरी पनाह में
शगुफ़्ता दिली तुम ही से मिली
अजब क़ैफ़ियत है निगाह में (निगाह में)

बेख़ुद मिज़ाजी से वाक़िफ़ करा गए
नीम_बाज़ आँखों से ये क्या सिखा गए?

बेख़ुद मिज़ाजी से वाक़िफ़ करा गए
नीम_बाज़ आँखों से ये क्या सिखा गए?

नया राबता, हुए लापता
ये गुमगश्तगी कैसी राह में?
नया राबता, हुए लापता
ये गुमगश्तगी कैसी राह में? (कैसी राह में?)
शगुफ़्ता दिली तुम ही से मिली
अजब क़ैफ़ियत है निगाह में (निगाह में)

“कैसे तसलीम करें रूह_ए_मसरूर को?”
ख़ुशतर अदाओं ने पूछा ये नूर को

“कैसे तसलीम करें रूह_ए_मसरूर को?”
ख़ुशतर अदाओं ने पूछा ये नूर को

ख़ुशामद, सलाम, इल्तिजा, एहतिराम
क्या_क्या करें तेरी चाह में?
ख़ुशामद, सलाम, इल्तिजा, एहतिराम
क्या_क्या करें तेरी चाह में?
शगुफ़्ता दिली तुम ही से मिली
अजब क़ैफ़ियत है निगाह में

गुल_ए_यासमीन जिससे सीखे हैं शोख़ियाँ
ख़ुशबू भी आ के माँगे रोज़ नज़दीकियाँ

गुल_ए_यासमीन जिससे सीखे हैं शोख़ियाँ
ख़ुशबू भी आ के माँगे रोज़ नज़दीकियाँ

ग़ज़ल, गुफ़्तगू हुई रू_ब_रू
कि शायर खड़े इश्क़_गाह
ग़ज़ल, गुफ़्तगू हुई रू_ब_रू
कि शायर खड़े इश्क़_गाह
शगुफ़्ता दिली तुम ही से मिली
अजब क़ैफ़ियत है निगाह में

ख़ुद फ़ुरसतों ने मिलाया इत्मिनान से
तहम्मुल_सुकूँ खड़े देखे हैं हैरान से

ख़ुद फ़ुरसतों ने मिलाया इत्मिनान से
तहम्मुल_सुकूँ खड़े देखे हैं हैरान से

हाँ, करके दीदार बढ़ा एतबार
sartaaj का तो अल्लाह में
हाँ, करके दीदार बढ़ा एतबार
sartaaj का तो अल्लाह में
शगुफ़्ता दिली तुम ही से मिली
अजब क़ैफ़ियत है निगाह में

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