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ramil ganjoo - bheegi bhaagi si كلمات أغنية

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भीगी_भागी सी, जो रातें अजनबी सी
कटी भूल से ही सही, वो कश्ती फिर से क्यूँ चल पड़ी?
भीगी_भागी सी, जो रातें अजनबी सी
कटी भूल से ही सही, वो कश्ती फिर से क्यूँ चल पड़ी?

दिल में जो छुपे तेरे चाँद से वो ख्वाब
ताले क्यूँ पड़े उन दरवाज़ों पे आ_आज?
दिल में जो छुपे तेरे चाँद से वो ख्वाब
ताले क्यूँ पड़े उन दरवाज़ों पे आ_आ_आ…

तकिए पे ओस की तरह, पानी में बूँद की वजह
सन्नाटों में बिखरे रहे
खुद से खुद ही हूँ क्यूँ ख़फ़ा? बिखरे आईने की तरह
रात गहरी क्यूँ हो चली?
भीगी_भागी सी, जो रातें अजनबी सी
कटी भूल से ही सही, वो कश्ती फिर से क्यूँ चल पड़ी?
भीगी_भागी सी, जो रातें अजनबी सी
कटी भूल से ही सही, वो कश्ती फिर से क्यूँ चल पड़ी?

दिल में जो छुपे तेरे चाँद से वो ख्वाब
ताले क्यूँ पड़े उन दरवाज़ों पे आ_आज?
दिल में छुपे तेरे चाँद से वो ख्वाब
ताले क्यूँ पड़े उन दरवाज़ों पे आ_आ_आ…

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