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lisa mishra - roshni lyrics

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[lisa mishra, yashraj & charan “roshni” के बोल]

[श्लोक १: lisa mishra]
देखो ज़रा ये दिल की दरारें
टूटे से तारें, खाली किनारें
हाँ, तलाशे खोई बहारें
जितने ज़ख्म है, है उतने सहारे

[पूर्व_सहगान: lisa mishra]
खता बिना सज़ा मिलेगी
वफ़ा कहाँ यहां मिलेगी?
कोई तो वो जगह मिलेगी ना, चल वहां

[सहगान: lisa mishra & charan]
ये रोशनी कहीं— (ah_ha_हो_हो_हो)
ये रोशनी कहीं ले चली (हो_हो_हो_हो_हो)

[श्लोक २: yashraj]
सुनी_सुनाई सी रोशनी, तू परछाई
मैं कहता खुद को “तू आयेगी”, पर हुँ न कोई खाई
मैं आंखों के आईने में फायदे के देखूँ कायदे से खुद को
पर तुझको नहीं बोल पाया लफ़्ज़ जो मैं हफ्तों से लेके बैठा
थक चुका भाग के, जिंदगी दांव पे
दिल को बस हाथ में लेके मैं घुमुँ
अंधेरे में ढूंढू, मैं खुद में हुँ घूम
पहले आके तू झूम, ताकि निकलूँ मैं सर से
यादें ज़मीं और तू सामने बरसे
बरसों में बैठा मैं फ़र्ज़ो में
लगा पहली बार इस पनाह में भी घर दोगे
[ब्रिज: charan]
जगाए तू आके भी
दुआ में जगह देती
सज़ा है, तू दूर
ख़फ़ा है तू क्यों?

[पूर्व_सहगान: lisa mishra]
खता बिना सज़ा मिलेगी
वफ़ा कहाँ यहां मिलेगी?
कोई तो वो जगह मिलेगी ना, चल वहां

[सहगान: lisa mishra & charan, charan]
ये रोशनी कहीं— (ah_ha_हो_हो_हो)
ये रोशनी (जगाए तू आके भी)
कहीं ले (दुआ में जगह देती)
ले चली (सज़ा है, तू दूर)
(हो_हो_हो_हो_हो) (ख़फ़ा है तू क्यों?)

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