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lekhaksthan - shikayatein كلمات أغنية

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[pre_chorus: wonnit]
मैं ख्वाहिशों में गुम थी
हरकतों में तुम सी
कैसे मुझको खा गई कमी?

[chorus: wonnit]
शिकायतें
तेरी मेरी

[verse 1: wonnit]
बातों का मन नहीं मेरा भी रिश्ते तो टूटते बोहोत
छूना मत हमें ज़रा भी हम जुड़े हैं टूट के बोहोत
मानेंगे नहीं वोह ज़रा भी चिंता हम करते हैं बोहोत
मुस्कानें बता देती हैं वोह तो जान के खाते हैं चोट
थोड़े से भटके हम थोड़े से चूर
सुकून में बैठे हैं तुमसे हम दूर
बैठा मैं सोचूं कि होता है क्यों?
मुझको वोह बोलती होके मजबूर
मानेगी ना ना ना
मैंने भी हाँ हाँ करा
मानेगी क्या क्या बता?
पास तू आना ज़रा

[pre_chorus: wonnit]
मैं ख्वाहिशों में गुम थी
हरकतों में तुम सी
कैसे मुझको खा गई कमी?
मैं ख्वाहिशों में गुम थी
हरकतों में तुम सी
कैसे मुझको खा गई कमी?
[chorus: wonnit]
शिकायतें
तेरी मेरी
शिकायतें
तेरी मेरी

[verse 2: trived]
शिकायतें ये तेरी कभी होगी नहीं खतम
करने हैं मुझे ही क्यों समझौते हरदम
ख्वाहिशों के पीछे तेरी सोते हम कम
फायदों से भरते नहीं नुकसान के ज़ख़्म
जान ने से ज़्यादा तुझे करता हूँ मैं याद
काश मिट जाती दूरियां करने से फ़रयाद
हमें ढलना पड़ेगा अब हालात के साथ
तो फिर खामियां ढूंढ के ना कर वक़्त बर्बाद
रहती बातों की तो वैसे भी कोई अहमियत नहीं
वादों से तुम भी कहीं जाओ ना मुकर
मेरी फ़ासलों को मिटाने की हैसियत नहीं
जिस पल में हैं अभी मुझे उसका शुक्र
तूने ही साथ का हाथ आगे से बढ़ाया
जबकि तैयार नहीं था मैं, तूने किया नहीं पराया
मेरे डर और दर्द को तूने अपना बनाया
तो फिर फ़ासलों के साथ मैंने तुझे अपनाया

[pre_chorus: wonnit]
मैं ख्वाहिशों में गुम थी
हरकतों में तुम सी
कैसे मुझको खा गई कमी?
मैं ख्वाहिशों में गुम थी
हरकतों में तुम सी
कैसे मुझको खा गई कमी?
[chorus: wonnit]
शिकायतें
तेरी मेरी
शिकायतें
तेरी मेरी

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