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ferozi, mc square & zerotoone - trials كلمات أغنية

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[ferozi, mc square & zerotoone “trials” के बोल]

[verse 1: mc square]
आवे कोम नो कुछ भी, बखत पड़े पे
राख बने सब, लपट पड़े पे
सलतनतें गई, तखत पड़े
कोहिनूर को नूर भी झपट पड़े पे
हे रे, घास इग्जा, बने खपत पड़े पे
आवे सच सब सखत पड़े पे
समझौते सब रपट पड़े पे
भाई नो भाई कपट पड़े पे
हे रे, हाड़ी खातर कनक बड़े है
माली खातर कमल बड़े है
राड़ी खातर रड़क बड़े है
डाली खातर दरख बड़े है
यहाँ सबकी गोज में तरक पड़े है
रब की गोद में सरप पड़े है
पूत है दो पर फरक बड़े है
दिल छोटे बस खरक बड़े है
इतिहास में तो बस हड़प बड़े है
धयोन ते देख तू सबक बड़े है
कैसे कह दूँ मेरे हड़प बड़े है?
भोले बाबा, तेरे भगत बड़े है

[chorus: gurjar hb]
रह जावेगा सब यहीं
कुछ गैल न जावेगा (गैल न जावेगा)
कुछ गैल न जावेगा (गैल न जावेगा)
कुछ गैल न जावेगा
जलते ही ख़ाक सभी
कोई कोम न आवेगा (कोम न आवेगा)
कोई कोम न आवेगा (कोम न आवेगा)
कोई कोम न आवेगा
[verse 2: mark bhatia]
मैं कैसे मांग लूँ सब कुछ बस मेरी झोली, यार?
कैसे ना मांगू, हो जाए मेरे सबका बेड़ा पार
कैसे भीड़_भाड़ और भेद_भाव को लेके साथ
नैया पार भी हो जाए तो वो कैसी नैया पार?
पहिये चार नी बहुत, ज़रूरी रखने पड़ते पाँच
पैसे का मज़ा ही आता कंगले होने बाद
गंजा टाट ताड़े औरों की, टकले होने बाद
मैंने बोलना ही सीखा था हकले होने बाद
कुदरत के आगे मैं कुछ भी ना सौ असले होने बाद
बुज़दिल के परचम की पर्ची लग जाए ना हाथ
अगर हाथ लग के सोना तो बस परछाई का साथ
मेरे पास क्या? कौन मैं? मुझे हरजाई का साथ
आज ढीले में गहरा लिखूँ पर गहरे में ना ढीला
मुझे जब भी मौका मिला, केवल गहरे में ही कूदा
जब भी डोली उठी, मैं सेहरे में नहीं था
तो अर्थी पे मेरी क्यूं मुझे यूं सेहरे में रखा था?
नाइंसाफ़ी मेरे साथ ही, मेरी माँ ही मुझको भाती
बनाती रोटी, बात_बात भी है थोड़ी बनाती
माज़ी काज़ी, घाटी काली, घटनाएँ घटती है सारी
बनती ना किताबी, बनती ना किताबी

[chorus: gurjar hb]
रह जावेगा सब यहीं
कुछ गैल न जावेगा (गैल न जावेगा)
कुछ गैल न जावेगा (गैल न जावेगा)
कुछ गैल न जावेगा
जलते ही ख़ाक सभी
कोई कोम न आवेगा (कोम न आवेगा)
कोई कोम न आवेगा (कोम न आवेगा)
कोई कोम न आवेगा
[verse 3: mndp]
आया तू मिट्टी तों, जाना तू मिट्टी च
वेख्या मैं सच है जद जांदे मैं वेख्या सी बापू नू
मेरे सिर ते नी हाथ सिगा किसे दा
मेरी नाल मेरी माँ, मेरी हिस्सेदार
मैनू यारां ने ही दित्ता मेरे हिस्से दा
जद सब होवे कोल, कुछ दिस्से ना
काफी समय से समय पे समय की याद नी आयी
आयी समय की याद तो शाम ढलने को आयी
खाटू श्याम दियो माफ़ी
मैने जीवन में करी है काफी गलतियाँ, गुस्ताखी
इतना अंधेरा था आस_पास, मैने खुद की रूह ही ताकी
समझे सिक्के के पहलू पहले, समझी ना थी यहाँ गिनती
गिनती की मिली है साँसे, गिनते ही गवा दी
जिसको होता शक नी, उसकी पहले से बर्बादी
जो आकार ना ले सके वो नकार देता है
कोई साँसे जी लेता है तो कोई काट लेता है

[chorus: gurjar hb]
हो रहा है राग कहीं
न बोल पावेगा
न बोल पावेगा
न बोल पावेगा
रह जावेगा सब यहीं
कुछ गैल न जावेगा
कुछ गैल न जावेगा
कुछ गैल न जावेगा
[outro: gurjar hb]
रखवाल के हाथ नो गोम की रक्षा
सबरी के हाथ में रोम की भिक्षा
हनुमान ते मिलती शिक्षा
राधा बिन वा श्याम था सबका
गौरा थी मेहेलां की रानी
समसान में भोला प्राणी
महाभारत की गजब कहानी
द्रौपदी की थी इज्जत उछाली

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