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bhupinder singh & lata mangeshkar - dil dhoondta hai كلمات الأغنية

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दिल ढूँढता है फिर वो ही फ़ुरसत के रात_दिन
दिल ढूँढता है फिर वो ही फ़ुरसत के रात_दिन
बैठे रहे तसव्वुर_ए_जानाँ किए हुए
दिल ढूँढता है फिर वो ही फ़ुरसत के रात_दिन
दिल ढूँढता है फिर वो ही…

जाड़ों की नर्म धूप और आँगन में लेट कर
जाड़ों की नर्म धूप और आँगन में लेट कर
आँखों पे खींच कर तेरे दामन के साए को
आँखों पे खींच कर तेरे दामन के साए को

औंधे पड़े रहे कभी करवट लिए हुए
दिल ढूँढता है…
ओ, दिल ढूँढता है फिर वो ही फ़ुरसत के रात_दिन
दिल ढूँढता है फिर वो ही…

या गर्मियों की रात जो पुरवाइयाँ चलें
या गर्मियों की रात जो पुरवाइयाँ चलें
ठंडी सफ़ेद चादरों पे जागे देर तक
ठंडी सफ़ेद चादरों पे जागे देर तक

तारों को देखते रहें छत पर पड़े हुए
दिल ढूँढता है…
ओ, दिल ढूँढता है फिर वो ही फ़ुरसत के रात_दिन
दिल ढूँढता है फिर वो ही…
बर्फ़ीली सर्दियों में किसी भी पहाड़ पर
बर्फ़ीली सर्दियों में किसी भी पहाड़ पर
वादी में गूँजती हुईं खामोशियाँ सुने
वादी में गूँजती हुईं खामोशियाँ सुने

आँखों में भीगे_भीगे से लम्हें लिए हुए
दिल ढूँढता है…
ओ, दिल ढूँढता है फिर वो ही फ़ुरसत के रात_दिन

दिल ढूँढता है फिर वो ही फ़ुरसत के रात_दिन
बैठे रहे तसव्वुर_ए_जानाँ किए हुए
दिल ढूँढता है फिर वो ही फ़ुरसत के रात_दिन
दिल ढूँढता है फिर वो ही…

दिल ढूँढता है फिर वो ही फ़ुरसत के रात_दिन
बैठे रहे तसव्वुर_ए_जानाँ किए हुए
दिल ढूँढता है फिर वो ही फ़ुरसत के रात_दिन

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