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arjan singh - dil bezubaan lyrics

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कैसे लिखूँ मैं कहानी नई?
हो रही, हो रही लफ़्ज़ों की कमी
चुप_चाप सा है मन और ये दिल बेज़ुबाँ

बोलो कैसे लिखूँ मैं नई दास्तान…

प्यार की, या कोई नज़्म रात की
या कोई राज़ अनकहा, या कोई बात बेवजह
मगर क्यूँ आज मेरा दिल है बेज़ुबाँ?
है बेज़ुबाँ, है बेज़ुबाँ, दिल बेज़ुबाँ

बातें उलफ़तों की, या लिखना मैं चाहूँ थोड़ा ग़म
तो बोले ये स्याही, मुझसे रूठा हुआ है कलम

कहूँ तो क्या कहूँ? लिखूँ तो क्या लिखूँ?
करूँ मैं कैसे कुछ बयाँ?
ना जाने और कितनी दूर जाएगा
खामोशियों का सिलसिला

ये कहते हैं सब कि ज़रा सब्र कर
आएँगे_आएँगे लफ़्ज़ भी लौटकर
मगर है चुप मेरा मन और ये दिल बेज़ुबाँ
बोलो कैसे लिखूँ मैं नई दास्तान…

प्यार की, या कोई नज़्म रात की
या कोई राज़ अनकहा, या कोई बात बेवजह
मगर क्यूँ आज मेरा दिल है बेज़ुबाँ?
है बेज़ुबाँ, है बेज़ुबाँ, दिल बेज़ुबाँ

كلمات أغنية عشوائية

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