
akanksha sethi - zahir كلمات أغنية
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[akanksha sethi “zahir” के बोल]
[verse 1]
ज़ाहिर करूं मैं जो बातें, वो सुनो
क्यों मैं कहू उनको, ये भी तो जान लो
बावरी से बन के फिरती हूँ यहां_वहां, इधर_उधर
जैसे हूँ मैं खोई तेरी यादों में बस
ज़ाहिर करूं मैं जो बातें, वो सुनो
[verse 2]
दिल बेफिज़ूल कहानी बन रहा है
मंज़र नहीं, बस ये राहें चुन रहा है
बावरा सा बन के फिरता है यहां_वहां, इधर_उधर
अनकही तेरी बातों में ढूंढता है घर
[bridge]
लाखों दफ़ा मैं जो कह दूँ, फिर भी
बातों में बातें ये सारी यूँ घुल रही
क्यों खमखा इश्क हो गया है?
आँखों में तेरी मैं ख़्वाबों को बन रही
[outro]
ज़ाहिर करूं मैं जो बातें, वो सुनो
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