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afkap - na jaane كلمات أغنية

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[chorus: bharg & afkap]
क्यों सुने मेरी बातें यहाँ शोर में
बोले तो फिर सभी ख़ामोश हैं
अब बढ़ी नज़दीकी तेरी ओर है
ना जाने मैं क्यों मुड़ा अभी ना जाने मेरा दिल, ढला
है छुपने का आदी, इसे दूँ यूँही पनाह है झूमने का आदी ऐसे गुनगुनाके ये ख़ुद में बाँधें सम्हा
ना ना ना ना ना
ना ना
ना ना

[verse 1: afkap]
वो बोले चलते जाना
मुझसे सीख मैं रुकूँ न कैसे
मुड़ के न देखना
मन लगे तो भूलूँगा कैसे
कोई दूसरी आवाज़
तो फिर तेरी मैं सुनूँगा कैसे
अभी सीखा नहीं past से
और फिर होता निराश है
हाँ, बहुत समय से चुप हूँ मैं ऐसे
देखा तू है बन बैठा खुद का दुश्मन ऐसे
कोसे किसी और को
है वजह तू, तू_तू मैं ऐसे
जो बने खुद के दुश्मन
उनका प्यार ही फ़रेब है
तेरे आँसू हिसाब माँग लेंगे
कर ब्याज की फ़िक्र और तू हार मान ले
तेरी उदासी में है ताक़त
ये हाथ काँप गए
तो रख क़ाबू जज़्बात पे
उसको भूलना याद से
[chorus: bharg & afkap]
क्यों सुने मेरी बातें यहाँ शोर में
बोले तो फिर सभी ख़ामोश हैं
अब बढ़ी नज़दीकी तेरी ओर है
ना जाने मैं क्यों मुड़ा अभी ना जाने मेरा दिल, ढला
है छुपने का आदी, इसे दूँ यूँही पनाह
है झूमने का आदी ऐसे गुनगुनाके ये ख़ुद में बाँधें सम्हा
ना ना ना ना ना
ना ना
ना ना

[verse 2: bharg]
देने को तो साथ नहीं है तुझे
दिल देने को अभी हाथ नहीं है मुझे
तेरी बातों का एहसास नहीं तुझे
सुने तो संभाल लेना मुझे
या तो जान लेना
मुलाक़ातें ये बनी यादें
ये उलझे से हैं ये धागे
फिर खुलते ये दरवाज़े क्यों हैं
हाँааaan
तेरी बाहें तरसाएँ
मुझे खुद पे तरस आए
कि फिर न फँस जाए
ये दिल हाँааaan
[chorus: bharg & afkap]
क्यों सुने मेरी बातें यहाँ शोर में
बोले तो फिर सभी ख़ामोश हैं
अब बढ़ी नज़दीकी तेरी ओर है
ना जाने मैं क्यों मुड़ा अभी ना जाने मेरा दिल, ढला
है छुपने का आदी, इसे दूँ यूँही पनाह
है झूमने का आदी ऐसे गुनगुनाके ये खुद में
बाँधें सम्हा ना ना ना ना ना
ना ना
ना ना

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