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afkap - dhyaan كلمات أغنية

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[chorus: afkap]
मैं बस घर पे देने लगा ध्यान अभी (घर पे देने लगा ध्यान)
लगे सिर पे गिरा आसमान अभी (सिर पे गिरा आसमान)
कुछ रिश्ते करें परेशान अभी (रिश्ते करें परेशान)
मुझे देना बस घर पे है ध्यान अभी
vansh बोला, “भाई, focus, तुझे होना पड़ेगा थोड़ा सा शन्त अभी”
बात तो सही, मैं देखूँ जहाँ, वहाँ मिटने लगी है राह अभी
करना खुद पे एहसान अभी
घर पे बढ़ने लगे काम अभी
घर पे देना मुझे ध्यान अभी
तभी घर पे देना मुझे ध्यान अभी

[verse: afkap]
crush गए जिम्मेदारी के बोझ से
है पड़ती गालियाँ, “क्यूँ नहीं देखता अपना phone ये”
हाँ, तुझे भी पता, क्यों चाहती मैं बन जाऊँ lover?
नशा ना बन सके दवा
मेरा लहज़ा गलत, तो देगा ये मुझे एक_ना_एक_दिन सज़ा
उसकी नज़र में मैं गधा
पर सिर पे नहीं है सींग, कर यकीन
तू अब भी हसीन है, मैं नहीं ढींट हूँ
तुझे भी पता मेरा हाल, जो नहीं बोला वही आप सुनें
तो आप भी आँखें_आँखें यहाँ खोलें, आप भी आँखें_आँखें यहाँ खोलें
हाँ, मुझे नहीं पता होगा, क्या हम रखें और क्या हम चुनें
तो आप भी आँखें_आँखें यहाँ खोलें, आप भी आँखें_आँखें ज़रा खोलें
मुझे देना ध्यान घर पे
[chorus: afkap]
मैं बस घर पे देने लगा ध्यान अभी (घर पे देने लगा ध्यान)
लगे सिर पे गिरा आसमान अभी (सिर पे गिरा आसमान)
कुछ रिश्ते करें परेशान अभी (रिश्ते करें परेशान)
मुझे देना बस घर पे है ध्यान अभी
vansh बोला, “भाई, focus, तुझे होना पड़ेगा थोड़ा सा शन्त अभी”
बात तो सही, मैं देखूँ जहाँ, वहाँ मिटने लगी है राह अभी
करना खुद पे एहसान अभी
घर पे बढ़ने लगे काम अभी
घर पे देना मुझे ध्यान अभी
तभी घर पे देना मुझे ध्यान अभी

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